खिलावन चंद्राकर, भोपाल
लगभग 1 साल से लंबित मध्य प्रदेश के स्थानीय निकायों के चुनाव आगामी फरवरी माह में हो सकते हैं।  चुनाव की तिथि और अधिसूचना जारी करने की घोषणा जनवरी माह के मध्य में हो सकती हैं।

इधर , भाजपा और कांग्रेस के साथ प्रदेश में सक्रिय अन्य दलों ने भी अपनी चुनावी तैयारियों को लेकर कमर कसना शुरू कर दिया है। राजनीतिक दलों की लगातार बैठक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चल रही है। निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशी अपने अपने नेताओं के दरवाजे खटखटाना भी शुरू कर चुके है।

20 करोड़ के अतिरिक्त बजट की मांग
  हालांकि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण कुछ सुस्त हुआ है लेकिन चुनाव के दौरान पूरी सावधानी बरतने हेतु सभी निकायों में 2387 मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है। इतना ही नहीं नामांकन प्रस्तुत करने की व्यवस्था आफ़ लाइन के अतिरिक्त ऑनलाइन भी की गई है । साथ ही जमानत राशि जमा करने के लिए डिजिटल पेमेंट के अतिरिक्त रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष भी नगद भुगतान की व्यवस्था की जा रही है। निकाय चुनाव के दौरान कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यह भी कोशिश की जा रही है कि किसी भी मतदान केंद्र में मतदाताओं की संख्या 1000 से ज्यादा ना हो। सेनीटाइजर , मास्क प्रोवाइड करने के साथ ही पर्याप्त रूप से सर्वाधिक दूरी बनाए रखने की व्यवस्था भी की जा रही है।राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सरकार से चुनाव संपन्न कराने के लिए 20 करोड़ के अतिरिक्त बजट की मांग की है जिसे शीघ्र पूरा किया जा सकता है।

होंगे 344 निकायो के चुनाव
मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में होने जा रहे 344 नगर निगम , नगर पालिका और नगर परिषद के लिए मतदान दो चरणों में कराने की योजना राज्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय कर रही है । इस बार महापौर , अध्यक्ष और पार्षदों की चुनावी खर्च सीमा में भी वृद्धि की गई है और परिणाम घोषित होने के 1 माह के भीतर चुनाव खर्च रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है। जानकारी के मुताबिक निकाय चुनाव को लेकर ईवीएम की व्यवस्था कर ली गई है और चुनाव कार्य में लगने वाले अधिकारियों ,कर्मचारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है । मतदान दलों और मतदान केंद्रों पर की जाने वाली व्यवस्थाओं को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। अधिकांश निकायो के मत दाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी किया जा चुका है और जिन जिलों में मतदाता सूची का प्रकाशन नहीं हुआ है उन्हें जनवरी के प्रथम सप्ताह तक पूरा करने को कहा गया है।

राजनीतिक दलों की सक्रियता शुरू
 जहां तक राजनीतिक दलों का सवाल है , उपचुनाव की खुमारी दूर करने के बाद निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर सक्रियता शुरू कर चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और दोनों सहप्रभारी पूरे प्रदेश में दौरा करने के साथ ही कार्यकर्ताओं की बैठक के ले रहे हैं। प्रत्याशी चयन के लिए क्राइटेरिया भी निर्धारित कर लिया गया है। युवा , महिला ,अनुसूचित जनजाति , अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग संगठन द्वारा भी चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक की जा रही है। अलग-अलग निकायों के लिए पर्यवेक्षक बनाकर उन्हें क्षेत्र में भेजे जाने की पूरी तैयारी की गई है। चुनावी तैयारियों में भाजपा भी पीछे नहीं हैं और पिछले निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन को दोहराने के लिए जतन शुरू किया जा चुका है। भाजपा में प्रत्याशी चयन के लिए निर्धारित पुरानी प्रक्रिया को अपनाकर प्रदेश चुनाव समिति के समक्ष उम्मीदवारों का पैनल प्रस्तुत किए जाने की योजना है। ब्लॉक और जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट कर चुनावी तैयारियों के लिए तैयार किया जा रहा है। बसपा , सपा  भी अपने अपने स्तर पर निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटते दिख रहे हैं।

Source : खिलावन चंद्राकर